Lal baby hathi

लाल बेबी हाथी – राजीव कृष्ण सक्सेना

A baby dreams of a red color baby elephant. Baby elephant entertains him and even takes him flying in the night sky! Here is the poem for kids. I have written as well as illustrated this poem. – Rajiv Krishna Saxena

लाल बेबी हाथी

मुन्ने के सपने में आया
लाल बेबी हाथी
बहुत बहुत उसके मन भाया
लाल बेबी हाथी

तीजे तल्ले पर रहता था
कैसे चढ़ कर आया
पूछा कई बार मुन्ने ने
उसने नहीं बताया

खेला कूदा नाचा गाया
लाल बेबी हाथी
ठुमक ठुमक कर दिल बहलाया
लाल बेबी हाथी

पीठ चढ़ा फिर मुन्ना उसकी
वह था उसका साथी

उड़ने लगा तभी फर फर कर
आसमान में हाथी

उड़ता था वो नील गगन में
लाल बेबी हाथी
चांद सितारों के आंगन में
लाल बेबी हाथी

मुन्ने को तो मजा आ गया
आसमान में उड़ कर
कुछ क़ुछ उसको डर लगता था
गिर ना पड़े फिसल कर

सुबह हुई मम्मी ने आकर
मुन्ने को सहलाया
उठ जा बेटा सुबह हो गई
गोदी में बिठलाया

कहां गया मुन्ने ने पूछा
लाल बेबी हाथी
कब फिर से मिलने आएगा
लाल बेबी हाथी

~ राजीव कृष्ण सक्सेना  (April 22, 2015)

लिंक्स:

Copy Right:  This poem or any part of it, cannot be used in any form and in any kind of media, without the written permission from the author Prof. Rajiv K Saxena. Legal action would be taken if an unauthorized use of this material is found. For permission enquiries may be sent to rajivksaxena@gmail.com or admin@geeta-kavita.com.

 

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